दिल्ली हिंसा: नफरत की आंधी में बुझ गया घर का चिराग, मासूमों को पिता का इंतजार...
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" alt="" aria-hidden="true" />तनाव के माहौल में अपनी दुकान से सामान निकालने गए घोंडा के सुभाष मोहल्ला निवासी 28 वर्षीय मारुफ पर वहां से गुजर रही भीड़ में शामिल लोगों ने गोलियां दाग दीं। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में दो गोलियां लगीं। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। 


अब उनका 6 साल का मासूम बेटा फरहान और 9 साल की बेटी फिजा उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कौन बताए कि नफरत की आंधी उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उड़ा ले गई है।


उपद्रव के माहौल में मारुफ अली दुकान से बिजली के पंखे और अन्य उपकरण हटाने के लिए पहुंचे थे। दुकान खाली करने के बाद वे रात के वक्त पड़ोस में रहने वालों के साथ गली में पहरेदारी कर रहे थे। मारुफ के रिश्तेदार नजीर ने बताया कि घटना के वक्त वहां से करीब 200 लोगों की भीड़ गुजर रही थी। 


इनमें से अधिकतर के हाथों में असलहे थे। अचानक उन्होंने एक के बाद एक गोलियां मारुफ को निशाना बनाकर दाग दीं। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में दो गोलियां लगीं। उन्हें लोकनायक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना में एक और युवक शमशाद के पेट में भी गोली लगी हैं। 


उसकी सर्जरी की गई है। मारुफ के भाई फारुख ने बताया कि परिवार में उनके पिता उम्मेद अली और मारुफ की पत्नी और दो बच्चे हैं। उनका सवाल है कि इनकी देखभाल अब कौन करेगा। उन्होंने मांग की कि भीड़ की शक्ल में पहुंचे कातिलों को सजा मिलनी चाहिए।


 



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दिल्लीः 5911 में से 104 गंभीर सांस रोगी मिले कोरोना पॉजीटिव, आईसीएमआर ने कराई थी जांच
फ़तेहपुर शहर के आवास विकास इलाक़े के एक बड़े स्टाकिस्ट के गो-डाउन में पर्याप्त भण्डारण के बावजूद लाँकडाउन के दूसरे दिन ही आटे की क़ीमत पाँच-छः सौ रुपये प्रति कुन्तल तक बढ़ा देना कही से मानवीय दृष्टिकोण नहीं कहा जा सकता। इसी तरह ज़रूरत के अन्य समानो की दरो में भी अप्रत्याशित उछाल सीधे तौर पर अभी से लोगों की समस्याओं को बढ़ाने वाली साबित हो रही है। मुख्यालय समेत जनपद के अन्य हिस्सों से ज़रूरी सामान चाहे खाद्यान्न हो, दवाए हों उन्हें महँगी क़ीमतों में देने, कालाबाज़ारी, घटतौली आदि की शिकायतें आम हो गई है।
अध्ययन के अनुसार गुजरात से 792, तमिलनाडू से 577, महाराष्ट 553 और केरल से 502 गंभीर श्वास रोगियों के सैंपल जांचे गए थे। महाराष्ट के आठ, पश्चिम बंगाल के छह और तमिलनाडू व दिल्ली के पांच जिलों में भर्ती मरीजों में संक्रमित मिले हैं। 104 संक्रमित मरीजों में एक मरीज हाल ही में विदेश यात्रा करके वापस लौटा था। जबकि दो मरीज संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पॉजीटिव हुए। जबकि 40 मरीजों में संक्रमण न तो विदेश से आए किसी व्यक्ति से आया और न ही किसी के संपर्क में आने से आया।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हमसे लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर पूछा गया था, जिस पर हमने वर्तमान हालात को देखते हुए इसे पंद्रह दिन और बढ़ाने की सलाह दी है। बाकी फैसला केंद्र सरकार को लेना है।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकान्ने वाला खुलासा हुआ है। देश के 21 राज्यों के 52 जिलों में 5911 में से 104 गंभीर सांस रोगी कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। इनमें ज्यादात्तर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊपर है और पुरूषों की संख्या अधिक है। 104 में से 39.2 फीसदी (40) संक्रमित मरीजों की कोई हिस्ट्री नहीं मिली है। न तो ये विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और न ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं। दरअसल मार्च के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर ने अपनी लैब में कुछ रैडम सैंपलिंग की थी, जिसमें एक हजार सैंपल की जांच के बाद एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिला था। इसके बाद 20 मार्च को टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अस्पतालों में भर्ती गंभीर श्वास रोगियों की जांच कराने के निर्देश दिए गए। 15 से 29 फरवरी तक की गई 965 गंभीर सांस रोगियोंं की जांच में से दो मरीज पॉजीटिव मिले लेकिन जब टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव हुआ तो देश भर के अस्प्तालों में भर्ती 4946 सैंपल की जांच हुई जिसमें से 102 सैंपल पॉजीटिव मिले। इसी के अनुसार देश में गंभीर सांस रोगियों के 5911 में से 104 सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। अध्ययन में इन मरीजों की आयु औसतन 44 से 63 वर्ष के बीच बताई गई है। वहीं 83.3 फीसदी मरीज पुरूष हैं।