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दिल्ली हिंसा की ये तस्वीर किसी भी कमजोर दिलवाले को हिला कर रख सकती है। हिंसा में मारे गए पिता के शव के सामने बुरी तरह रोते इस बच्चे की तस्वीर दिल दहला देने वाली है। ऐसे ही पीड़ितों की आंखों से जो आंसुओं का सैलाब बह रहा है उससे कुछ दिन में उनके दिल की आग तो ठंडी हो जाएगी लेकिन इनके दर्द पर मरहम कौन लगाएगा? इनके उस सवाल का जवाब कौन देगा कि हमारे अपनों का क्या कसूर था जो उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। देखें दिल्ली हिंसा की कुछ ऐसी ही मार्मिक तस्वीरें....
यह शव मुदस्सिर खान का है जिसका परिवार अपने बेटे-पिता और भाई को खोकर फूट-फूटकर रोने लगे। इन्हें किस तरह समझाया जाए, क्या कहकर दिलासा दिया जाए, ये बात किसी को समझ नहीं आ रही है।" alt="" aria-hidden="true" />
अपनों को खोने का गम क्या होता है ये वही जानते हैं जिनके अपने दिल्ली हिंसा में उनसे दूर हो गए हैं। हिंसा तो खत्म हो गई है लेकिन दिल को जख्म मिला है वह शायद ही कभी भर पाएं।" alt="" aria-hidden="true" />
तीन दिन तक हिंसा की आग में जले उत्तर-पूर्वी जिले में बृहस्पतिवार को चौथे दिन भले ही शिव विहार में मामूली हिंसा को छोड़कर पूरे जिले मेें शांति रही, लेकिन जिन लोगों ने अपनों को खो दिया, उनके जख्म भरने में वक्त लगेगा। किसी ने बेटा खो दिया तो किसी ने परिवार के मुखिया को। कोई बहन अपने भाई के गम में डूबी है तो किसी बुजुर्ग की बुढ़ापे की लाठी ही छिन गई। रोजी-रोटी का जरिया जलकर राख हो चुका है। बच्चे बेहसहारा हो चुके हैं। घरों-दुकानों व गाड़ियों के मलबे से अब भी धुआं उठ रहा है। यह आग ठंडी हो जाएगी, लेकिन अपनों की याद में पीड़ितों के आंसू शायद ही सूख पाए।" alt="" aria-hidden="true" />
बृहस्पतिवार सुबह लोग सड़कों पर दिखे और खुद ही हिंसा के निशान मिटाने शुरू किए। ईंट-पत्थर चलने से लाल हो चुकी सड़कों पर झाड़ू लगाई। इसके साथ ही दुकानों पर खरीदार भी नजर आए। हिंसा के दौरान सीलमपुर से जाफराबाद होते हुए मौजपुर जाने वाली सड़क को एक तरफ से बंद कर दिया गया था उसे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया। कुछ देर बाद ही मुख्य सड़क पर वाहन फर्राटा भरने लगे।" alt="" aria-hidden="true" />
इससे पहले सुबह ही इन सड़कों को साफ करने का काम शुरू कर दिया गया था। इसी तरह वजीराबाद रोड पर भी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई और लोग घरों से निकलकर काम पर जाने लगे। हालांकि इन सड़कों पर पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों की मौजूदगी थी। कई जगहों पर दुकानें भी खुलने लगी और लोग रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए पहुंचे। हालांकि, अभी नूर इलाही ब्रह्मपुरी रोड, शिव विहार रोड और करावल नगर रोड में वाहनों को जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन इन जगहों पर अर्धसैनिक बल लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं।